सूरत है ख़ूबसूरत अंदाज़ आशिकाना
मेरा नाम शायरी है मुझे दाद देते जाना
कभी गीत बन गयी हूँ कभी बन गयी ग़ज़ल मैं
मुझे गुनगुनाने वालों कहीं सुर न भूल जाना
दिल है अजीब शायर बस 'दर्द' लिख रहा है
फुरसत इसे कहाँ जो लिखे प्यार का तराना
आ तो गये हैं अपने नगमों को बेचने हम
यहाँ कौन कद्रदां है मुश्किल है ढूंढ पाना
भटके कहाँ-कहाँ हम यूँ ही महफ़िलें सजाने
ना जाने किस शहर में कब तक है आबोदाना
ग़म बाँटने को अपना लिक्खी है कुछ क़िताबें
जिनको पढ़ेगा लेकिन मेरे बाद ये ज़माना
चाहत के कागजों पर जब से "किरण" लिखा है
गीतों में ढल गये दिन रातें है शायराना
**********
कविता'किरण' ('तुम्ही कुछ कहो ना!' में से)
मेरा नाम शायरी है मुझे दाद देते जाना
कभी गीत बन गयी हूँ कभी बन गयी ग़ज़ल मैं
मुझे गुनगुनाने वालों कहीं सुर न भूल जाना
दिल है अजीब शायर बस 'दर्द' लिख रहा है
फुरसत इसे कहाँ जो लिखे प्यार का तराना
आ तो गये हैं अपने नगमों को बेचने हम
यहाँ कौन कद्रदां है मुश्किल है ढूंढ पाना
भटके कहाँ-कहाँ हम यूँ ही महफ़िलें सजाने
ना जाने किस शहर में कब तक है आबोदाना
ग़म बाँटने को अपना लिक्खी है कुछ क़िताबें
जिनको पढ़ेगा लेकिन मेरे बाद ये ज़माना
चाहत के कागजों पर जब से "किरण" लिखा है
गीतों में ढल गये दिन रातें है शायराना
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कविता'किरण' ('तुम्ही कुछ कहो ना!' में से)