डॉ.कविता'किरण'( कवयित्री) Dr.kavita'kiran' (poetess)

नाम मेरा 'किरण' है ऐ साहिब!मेरे अंदर मेरा उजाला है-डॉ.कविता"किरण" I AM LIGHT OF LOVE,LET ME SPREAD IN YOUR HEART AND YOUR LIFE-Dr.kavita'kiran'

Monday, December 31, 2018

आ जाओ जिंदगी में नए साल की तरह

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ग़ज़ल गुज़रो न बस क़रीब से ख़याल की तरह आ जाओ ज़िंदगी में नए साल की तरह कब तक किसी दरख़्त-से तने रहोगे तुम झुक कर गले मिलो कभी तो डा...
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Saturday, December 1, 2018

ज़िन्दगी में वो हसीं रात कभी तो होगी

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Monday, November 12, 2018

एक मुक्तक

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अना  को भूल के दुश्मन का एहतराम करें भला किसी को कहाँ तक हमीं सलाम करें अजब है रस्म निभाना भी मुस्कुराना भी चलो वफाओं का किस्सा यहीं तमा...
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Friday, November 2, 2018

"मी टू" पर एक विचार

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"मी टू" ----------- मुझसे किसी ने कहा आप एक जागरूक एवम ज़िम्मेदार महिला होने के साथ-साथ एक कलमकारा भी हैं। इस नाते "मी...
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Monday, October 29, 2018

ओ हेलो !!! . .मी टू पर एक नज़्म

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"लड़कों से" ओ हैलो!!! लड़की अगर हंस के बोल दी तो क्या समझते हो तुम्हारे जाल में फंस गयी ?? पहले डिनर फिर पिक...
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Monday, October 22, 2018

एक ग़ज़ल समआत फरमाएँ-

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जाने क्या कुछ नहीं कहा मुझको वो समझता है जाने क्या मुझको उसकी नज़रें अजब तराजू हैं दोनों पलड़ों में है रखा मुझको हर मरज की दवा थ...
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Friday, August 10, 2018

निकल भी आओ उदासी के क़ैदख़ाने से

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Friday, August 3, 2018

ग़ज़ल- धोका अपने साथ न कर

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Thursday, July 5, 2018

"स्त्री ...." एक नज़्म

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Friday, June 15, 2018

हमारे हाथ में कुछ आईने है

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मित्रो आज एक लम्बे अरसे बाद आप सबसे मुखातिब हो रही हूँ अपनी इस बेहद मक़बूल रचना के साथ - ग़ज़ल ( "कुछ तो है" प्रकाशित संग्रह से ) ...
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Friday, November 15, 2013

London dreams..England mein (14-29aug2013) kavy yatra ke douran bitaye kuchh yadgaar pal...

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Sunday, August 4, 2013

Namaskar mitron! aagami 13 aug se 28 aug 2013 tak main pandrah divseey videsh(UK) kavy- yatra par rahungi....

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             प्रिय मित्रों! यू.के में दिनांक 13 से 27 अगस्त, 2013 तक अंतर्राष्ट्रीय विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है इस कवि ...
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Thursday, April 4, 2013

Watch me on SAB tv in prog WAH WAH KYA BAT HAI on 6.4.13 saturday at 10 pm...:-))

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नमस्कार मित्रों! ६ अप्रैल 2013 शनिवार को रात 10 बजे सब टीवी के कार्यक्रम “वाह वाह क्या बात है” में आप मेरा काव्यपाठ अवश्य देखें/सुनें...
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Friday, February 22, 2013

मुहब्बत का ज़माना आ गया है ....

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मुहब्बत का ज़माना आ गया है   गुलों को मुस्कुराना आ गया है  नयी शाखों  पे देखो आज फिर वो  नज़र पंछी पुराना आ गया है   जुनूं को मिल गय...
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Friday, December 21, 2012

उस दिन के लिए तैयार रहना..तुम!!!!

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तुम पूरी कोशिश करते हो मेरे दिल को दुखाने की मुझे सताने की रुलाने की और इसमें पूरी तरह कामयाब भी होते हो--- सुनो! म...
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Sunday, November 11, 2012

बेवफा बावफा हुआ कैसे..........

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बेवफा बावफा हुआ कैसे ये करिश्मा हुआ भला कैसे वो जो खुद का सगा न हो पाया हो गया है मेरा सगा कैसे जब नज़रिए में नुक...
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Friday, September 28, 2012

मुक़द्दर से न अब शिकवा करेंगे........

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मुक़द्दर से  न अब शिकवा  करेंगे न छुप छुपके सनम  रोया करेंगे  दयारे-यार में लेंगे पनाहें दरे-मह्बूब पर सजदा करेंगे हमीं ने ग़र शुरू...
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Friday, July 6, 2012

सितारे टूटकर गिरना हमें अच्छा नहीं लगता ....

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सितारे टूटकर  गिरना हमें  अच्छा नहीं लगता  गुलों का शाख से झरना हमें अच्छा नहीं लगता  सफ़र इस जिंदगी का यूँ  तो है  अँधा सफ़र लेकि...
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Sunday, May 20, 2012

मिलता नहीं है कोई भी गमख्वार की तरह.....

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मिलता नहीं है कोई भी गमख्वार की तरह पेश आ रहे हैं यार भी अय्यार की तरह मुजरिम तुम्ही नहीं हो फ़क़त जुर्म-ए-इश्क के हम भी खड़े हुए...
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Tuesday, May 1, 2012

मत समझिये कि मैं औरत हूँ, नशा है मुझमें....

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मत समझिये कि मैं औरत हूँ, नशा है मुझमें माँ भी हूँ, बहन भी, बेटी भी, दुआ है मुझमे हुस्न है, रंग है, खुशबू है, अदा है मुझमे म...
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Sunday, April 1, 2012

कलेजा मुंह को ए सरकार आया.......

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कलेजा मुंह को ए सरकार आया है मुट्ठी में दिले - बेज़ार आया हुआ इस दौर में दुश्वार जीना ये दिल सजदे में साँसे हार आया मेरे ...
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Thursday, March 1, 2012

वत्सला से वज्र में ढल जाऊंगी, मैं नहीं हिमकण हूँ जो गल जाऊंगी....

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वत्सला से वज्र में ढल जाऊंगी मैं नहीं हिमकण हूँ जो गल जाऊंगी दंभ के आकाश को छल जाऊँगी मैं नहीं हिमकण हूँ जो गल जाऊँगी पतझरों की ...
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Wednesday, February 1, 2012

तेरे बारे में सबसे पूछूं हूँ....

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तेरे बारे में सबसे पूछूं हूँ तू है मुझमे तुझी को खोजूं हूँ है नज़र तू ही तू नज़ारा भी हर तरफ सिर्फ तुझको देखूं हूँ मेरा चेहरा चमक उ...
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Thursday, December 1, 2011

जब जब आंख में आंसू आए

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जब जब आंख में आंसू आए तब तब लब ज्यादा मुस्काए नहीं संभाला उसने आकर हम ठोकर खाकर पछताए कितने भोलेपन में हमने इक पत्थर पे फूल चढाए चाहत के संद...
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Sunday, November 13, 2011

मोमिन औ' दाग़ औ'ग़ालिब की ग़ज़ल-सी लड़की....

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मोमिन औ' दाग़ औ'ग़ालिब की ग़ज़ल-सी लड़की चांदनी रात में इक ताजमहल-सी लड़की जिंदा रहने को ज़माने से लड़ेगी कब तक झील के पानी में शफ्...
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Wednesday, September 14, 2011

ज़िन्दगी इस तरह क्यों आई हो, मानो सीलन-भरी रज़ाई हो...

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ज़िन्दगी इस तरह क्यों आई हो मानो सीलन-भरी रज़ाई हो यूँ तो मेरी ही ज़िन्दगी हो तुम फिर भी क्यों लग रही पराई हो जो बुरे वक़्त ने है दी ...
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Friday, September 2, 2011

बेवज़ह बस वबाल करते हो.......

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बेवज़ह बस वबाल करते हो जिंदगी को मुहाल करते हो कब किसी का ख़याल करते हो जान ! कितने सवाल करते हो जी दुखाते हो पहले जी-भरकर बाद इसके मल...
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Thursday, August 18, 2011

अधखुली आँख में सपन क्यों है....

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अधखुली आँख में सपन क्यों है खिल उठा देह का चमन क्यों है सिमटा सिमटा-सा तन-सुमन क्यों है और अदाओ में बांकपन क्यों है मनचला हो गया है ...
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Dr. kavita 'kiran' (poetess)
Falna, Rajasthan, India
कलम अपनी,जुबां अपनी, कहन अपनी ही रखती हूँ, अंधेरों से नहीं डरती "किरण" हूँ खुद चमकती हूँ, ज़माना कागजी फूलों पे अपनी जां छिड़कता है मगर मैं हूँ की बस अपनी ही खुशबू से महकती हूँ-- **** इस ब्लॉग पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का मकसद फ़क़त एक कोशिश है ख़ुद को ख़ुद से बाहर लाने की। बहुत कुछ अनकहा कह देने की। अपने खास लम्हों की कहन को आम कर देने की। इस ब्लॉग के जरिये मैं ख़ुद को समेटकर अपनी अनुभूतियों के विस्तृत आकाश को दुनिया के सामने फैला रही हूँ और दावत देती हूँ सभी काव्यप्रेमियों को अपने इस सृजन के आकाश में उडान भरने के लिए। दरअसल जिंदगी के कैनवास पर वक्त की तूलिका ने जब, जिन रंगों से, जो चित्र उकेरे, यह ब्लॉग उसी की एक चित्रावली है. एक शब्दावली, जो आपके कानों तक पहुंचना चाहती है। एक द्रश्यावली जो आपकी नज़र को छू के गुजरना चाहती है, आपके सामने है। सफर में हूँ । मंजिल तक पहुंचना चाहती हूँ। कब पहुँचती हूँ ! देखते हैं*******
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