सभी पढ़नेवालों को क्रिसमस और नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ बतौर तोहफा एक ग़ज़ल पेश कर रही हूँ.अपनी राय से ज़रूर नवाजें -
आ जाओ जिंदगी में नए साल की तरहगुज़रो न बस क़रीब से ख़याल की तरह
कब तक खफा रहेगा शजर अपनी शाख से
झुक कर गले मिलो कभी तो डाल की तरह
ये है अदब की बज़्म अदालत नहीं कोई
उठते हो बार बार क्यों सवाल की तरह
ये क्या हुआ कि आये बैठे और चल दिए
रुकिए ज़रा तो खुशनुमा ख्याल की तरह
जो दे सके ज़माना आशिकी के नाम पर
पेश आइये जहाँ में उस मिसाल की तरह
अचरज करे ज़माना जिसको देख उम्र-भर
हो जाओ जिंदगी में उस कमाल की तरह
ये क्या कहा है तुझको "किरण" आफताब ने
चेहरा तेरा है लाल क्यों गुलाल कि तरह
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डॉ कविता"किरण"
बहुत सुंदर और उत्तम भाव लिए हुए.... खूबसूरत रचना......
ReplyDeleteआपने बड़े ख़ूबसूरत ख़यालों से सजा कर एक निहायत उम्दा ग़ज़ल लिखी है।
ReplyDeleteSANJAY KUMAR
HARYANA
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
क्रिसमस और नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के SATH
ReplyDeletekiran ji
ReplyDeletehar pankti ne dil chhoo liya.........kis kis sher ki tarif karoon ..........poori gazal hi kabil-e-tarif hai.
christmas aur new year ki hardik shubhkamnayein.
बहुत ही बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteकिरण जी बधाई...बहुत खूबसूरत ग़ज़ल कही है आपने, सारे शेर अच्छे हैं लेकिन ये दो तो बस साथ लिए जा रहा हूँ:
ReplyDeleteकब तक ताने रहोगे यूँ ही पेड़ की तरह
झुक कर गले मिलो कभी तो डाल की तरह
और
आंसू छलक पड़ें फिर किसी की बात पर
लग जाओ मेरी आँख से रूमाल की तरह
वाह...वा...
नीरज
कब तक तने रहोगे यूँ ही पेड़ की तरह
ReplyDeleteझुक कर गले मिलो कभी तो डाल की तरह
आंसू छलक पड़ें न फिर किसी की बात पर
लग जाओ मेरी आँख से रूमाल की तरह
किरण जी ....... बहुत लाजवाब शेर निभाए हैं आपने ........ कमाल का तरन्नुम है ........ बेहद खूबसूरत .........
बेहतरीन और बेमिसाल!!
ReplyDeleteआंसू छलक पड़ें न फिर किसी की बात पर
लग जाओ मेरी आँख से रूमाल की तरह
अद्भुत प्रयोग है, वाह!
bhut sundar rajana hai mere pass sayad sabdh kam hai
ReplyDeleteएक एक पंक्ति
ReplyDeleteहर एक शब्द
नेक भावों को
रूपायित करता
करता नि:शब्द।
बहुत सुंदर कविता..... एक एक लफ्ज़ को बहुत खूबसूरती से पिरो कर लिखा है आपने...... कई छंद तो ऐसा लगा कि अभी जीवंत हो उठेंगे....
ReplyDeleteबहुत अच्छी लगी यह कविता.... दिल को छू गयी....
आपकी ग़ज़ल की बानगी देखते ही बनती है...
ReplyDeleteक्या लिखती हैं आप..माशाल्लाह....बस हम तो मुरीद हो गए आपके...
शुक्रिया..
bahut hee sahaj sundar aur sukhad aamantran
ReplyDeleteham aaaye aapke blog par mehmaan kee tarah
tippani de rahe hai der se sadaa kee tarah
behad sundar geet
behat sunder chitra
aur utanaa hee sundar frame
waah waah
आदाब अर्ज हजूर!
ReplyDeleteआ जाओ जिन्दगी में नये साल की तरह
कमाल का शेर...वाह!!!
blog..all of your poems are interesting and enjoyable to read..
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर कवितायेँ लिखी हैं आपने..
ReplyDeletekiran g aapki ye kabita real mai achi hai sayad mai jitana tarif karu kam hoga koiki aapke pass khud saraswati ki kirapa hai bhut bhut achi
ReplyDeleteग़म ने निभाया जैसे आप भी निभाइए
ReplyDeleteमत साथ छोड़ जाओ अच्छे हाल की तरह
लाजबाव.
ati sunder
ReplyDeleteमतला बहुत ही अच्छा लगा।
ReplyDeleteमुकम्मल ज़मीन पर मुकम्मल ग़ज़ल के किये मुबारक बाद।
आपका कांताक्ट करना है
ReplyDeleteमेरे मागज़ीने में
आपको स्थान देना है
यु अरे ग्राते
आप खुबसूरत लिखती है
मेरा कांताक्ट नो. ९८२४२ ९४१७५
जामनगर-गुजरात से हु