नाम मेरा 'किरण' है ऐ साहिब!मेरे अंदर मेरा उजाला है-डॉ.कविता"किरण" I AM LIGHT OF LOVE,LET ME SPREAD IN YOUR HEART AND YOUR LIFE-Dr.kavita'kiran'
Monday, November 12, 2018
Friday, November 2, 2018
"मी टू" पर एक विचार
"मी टू"
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मुझसे किसी ने कहा आप एक जागरूक एवम ज़िम्मेदार महिला होने के साथ-साथ एक कलमकारा भी हैं। इस नाते "मी टू" पर आप भी कुछ कहिये। सच तो ये है मैं अधिकांशतया विवादित मुद्दों पर बोलने और लिखने से बचने का प्रयत्न करती रही हूं। कारण..एक अंतहीन-सी बहस शुरू हो जाती है जिसका कभी कोई स्पष्ट और ठोस निष्कर्ष नहीं निकल पाता।
फिर भी इतना कहूँगी कि किसी भी स्त्री का, किसी भी परिस्थिति में अपने साथ दुराचार या दुर्व्यवहार होने पर उसका उस वक़्त मौन रह जाना या प्रतिरोध न करना उसकी दो स्थितियों को दर्शाता है। या तो वह निजी स्वार्थ के वश है या फिर किसी कारण विवश है। जिसकी साक्षी वह स्वयम होती है। अतः "मी टू" के दायरे में कौन आता है और कौन इसके अधिकारों के उपयोग करने का अधिकारी है। यह तो कानून ही तय कर सकता है। क्योंकि हर पुरुष बुरा नहीं होता और हर स्त्री विवश नहीं होती।
आप सहमत या असहमत होने का अधिकार रखते हैं।
पुराने ज़ख़्म उघाड़े जा रहे हैं
कई पापी पछाड़े जा रहे हैं
कुदाली हाथ मे "मी टू" की लेकर
गड़े मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं
©कविता"किरण
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