Wednesday, December 30, 2009

ज़ख्म छुपाकर तू अपना,नए साल का गीत सुना...

नए साल की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ एक गीत पेशे -खिदमत है...-

ज़ख्म छुपाकर तू अपना
नए साल का गीत सुना
आज के दिन रोना हैं मना
नए साल का गीत सुना

आँख है तेरी नम तो क्या
चैन बहुत है कम तो क्या
बुन खुशहाली का सपना
नए साल का गीत सुना

है घनघोर अँधेरा पर
तू सूरज की बातें कर
दिल कर दे दरिया जितना
नए साल का गीत सुना

जानेवाले पल का क्या
आनेवाले कल का क्या
आज अभी की ख़ैर मना
नए साल का गीत सुना

पूछ 'किरण' मत अपना हाल
 एक सरीखा है  हर साल
दर्द बढ़ा है दिन दुगना
नए साल का गीत सुना
******************
डॉ कविता'किरण'



16 comments:

  1. सुन्दर गीत.
    नव वर्ष मंगलमय हो.

    शुभकामनाएं! शुभकामनाएं! शुभकामनाएं!

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  2. सुन्दर गीत.
    नव वर्ष मंगलमय हो.

    शुभकामनाएं! शुभकामनाएं! शुभकामनाएं!

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  3. बहुत खूब, लाजबाब ! नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये !

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  4. आँख है तेरी नम तो क्या
    दिल में छुपा है ग़म तो क्या
    बुन खुशहाली का सपना
    नए साल का गीत सुना...

    बहुत ही अच्छी लगा आपका गीत ........ गम छुपा कर मुस्कुराता जा ......
    आपको और आपके पूरे परिवार को नये साल की बहुत बहुत शुभकामनाएँ ........

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  5. bahut hi sundar geet.

    nav varsh mangalmay ho.

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  6. एक बहुत ही अच्छी कविता के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
    आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  7. नया साल मंगलमय हो ... 2010 हंसी और हंसी-ख़ुशी से भरा रहे !!!!

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  8. naye saal pe sundar kavita
    New Year begins, let us pray,that it will be a year with new Peace,New Happiness, and abundance of new friends,God bless you dear. HARI

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  9. बहुत ही सुंदर रचना है।
    नववर्ष की शुभकामनाओं के साथ ब्लाग जगत में द्वीपांतर परिवार आपका स्वागत करता है।

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  10. nice poetry. encouraging to come out of sorrows to an endless sea of happiness and expectations.

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  11. पढ़कर भाव विभोर हुआ, आपने ऐसा गीत लिखा. आपको भी सपरिवार नव वर्ष २०१० मंगलमय हो. पहली बार आया हूँ अब बार-बार आऊंगा.

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  12. बहुत सुंदर गीत है
    आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

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  13. Kbhi daane anaar ke to kabhi anaardana hai aapki poetry.mingled yarn of smiles and tears together interwoven to a vibrant texture.

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  14. wonderful ..... happy new year kavita bahut khubh

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  15. BAHUT KHUBH....HALPPY NEW YEAR KAVITA

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  16. कविता जी आप की लेखनी में माँ सरस्वती जी दिब्य शक्ति है . आप बहुत ही उच्च कोटि की साहित्यकार भी है। बधाई

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