ओ साँवरिया!
कैसे काटूं ये कोरी कुआँरी उमरिया
ओ सांवरिया!
अब तो अधरों पे धर ले बनाके बाँसुरिया
ओ सांवरिया!
राह तकते नयन मेरे पथरा गये
आ गये सामने तुम तो घबरा गये
लाज के मारे मर ही न जाए गुजरिया
ओ साँवरिया!
बिन तेरे ब्रज की गलियाँ भी सूनी लगे
है जरा-सी मगर पीर दूनी लगे
फोडने आ जा पनघट पे छलके गगरिया
ओ साँवरिया!
रास संग गोपियों के रचाई नहीं
नींद कितने दिनों से चुराई नहीं
आ जा जमना किनारे पुकारे बावरिया
ओ साँवरिया!
कर दे बेसुध मोहे मुरली की तान से
जान चाहे चली जाए फिर जान से
ओ साँवरिया!
बाग में पेड पर पक गये आम हैं
दूर मेरी नजर से मेरे ष्याम हैं
द्वार पे है लगी कब से प्यासी नजरिया
ओ सांवरिया!
जीत पाया नहीं जो हृदय श्याम का
राधिके! रूप तेरा ये किस काम का
मुँह चिढाए मोहे सूनी-सूनी सजरिया
ओ साँवरिया!
कैसे काटूं ये कोरी कुआँरी उमरिया
ओ साँवरिया!
अब तो अधरों पे धर ले बनाके
-कविता किरण
आपको और आपके परिवार को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteवाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा
ReplyDeleteबहुत सुंदर गीत।
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को श्री कृष्ण जन्म की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं!
आंच पर “साँझ भई फिर जल गयी बाती” http://manojiofs.blogspot.com/2010/09/33.html
radha ka virh varnan badhi khoobsurti se kiya aapne..
ReplyDeleteकृष्ण प्रेम मयी राधा
ReplyDeleteराधा प्रेममयो हरी
♫ फ़लक पे झूम रही साँवली घटायें हैं
रंग मेरे गोविन्द का चुरा लाई हैं
रश्मियाँ श्याम के कुण्डल से जब निकलती हैं
गोया आकाश मे बिजलियाँ चमकती हैं
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये
कृष्ण जन्माष्टमी के इस पावन दिवस पर हार्दिक
ReplyDeleteशुभकामनाएँ!
सुन्दर प्रस्तुति... जन्माष्टमी पर हार्दिक शुभकामनाये... आभार
ReplyDeleteजन्माष्टमी पर बहुत ही सुन्दर लोकगीत की रचना की है आपने!
ReplyDelete--
बहुत-बहुत बधाई!
nice poem.........
ReplyDeleteआके ले ले ओ निर्मोही मोरी खबरिया
ReplyDeleteओ साँवरिया!
बहपत सुन्दर लिखा है दिल की गहराई से एक एक मोती निकाला गया है
AApko kis nam se sambodhit karun,kis bhav se prashansa karu,post par kya comment karun ,samajh mein nahi ata hai.
ReplyDeleteyehi sochte sochte na jane ek savera kab aa jata hai.Phir hajir hunga.Tab tak ke liye kshama prarthi hun.
प्रेमजी आपके स्नेह, प्रेम, नवाजिश के लिए दिल से आभारी हूँ. आगे भी ब्लॉग पैर आते रहें शुक्रिया.
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 5 सितम्बर 2015 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
Happy Krishna janmashtmi
ReplyDeleteजीत पाया नहीं जो हृदय श्याम का
ReplyDeleteराधिके! रूप तेरा ये किस काम का.....bahut emotional touch hair...bahut khub likha hai aapne...thank you so much maim...i
Happy Sri Krishna Janmastami to you and all of your family...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ...
ReplyDeleteजन्माष्टमी-सह-शिक्षक दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं!