मेरी ख़ामोशी को लब,लब पर दुआ दे जायेगा
मुझको तन्हाई में हंसने की अदा दे जायेगा
ले गया मुझको चुराकर मुझसे जो पूछे बगैर
देख लेना एक दिन अपना पता दे जायेगा
छेड़कर चुपके-से इक दिन मेरी साँसों का सितार
वो दबी चिंगारियों को फिर हवा दे जायेगा
बंदिशें सब तोड़कर झूठी रिवाजों-रस्म की
मेरे क़दमों को नया इक रास्ता दे जायेगा
देगा इक ताज़ा तरन्नुम जिंदगी की नज़्म को
मेरी गज़लों को नया इक काफिया दे जायेगा
भूल ना जाऊं कहीं भूले-से उसको इसलिए
मुझको अपनी चाहतों का वास्ता दे जायेगा
ए"किरण क्यों ना करे दिल उस सनम का इंतज़ार
जो तबस्सुम लब को, दिल को हौसला दे जायेगा
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डॉ.कविता'किरण'
मुझको तन्हाई में हंसने की अदा दे जायेगा
ले गया मुझको चुराकर मुझसे जो पूछे बगैर
देख लेना एक दिन अपना पता दे जायेगा
छेड़कर चुपके-से इक दिन मेरी साँसों का सितार
वो दबी चिंगारियों को फिर हवा दे जायेगा
बंदिशें सब तोड़कर झूठी रिवाजों-रस्म की
मेरे क़दमों को नया इक रास्ता दे जायेगा
देगा इक ताज़ा तरन्नुम जिंदगी की नज़्म को
मेरी गज़लों को नया इक काफिया दे जायेगा
भूल ना जाऊं कहीं भूले-से उसको इसलिए
मुझको अपनी चाहतों का वास्ता दे जायेगा
ए"किरण क्यों ना करे दिल उस सनम का इंतज़ार
जो तबस्सुम लब को, दिल को हौसला दे जायेगा
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डॉ.कविता'किरण'
बहुत ही भावमयी रचना दिल को छूने वाली।
ReplyDelete"ले गया मुझको चुराकर मुझसे जो पूछे बगैर
ReplyDeleteदेख लेना एक दिन अपना पता दे जायेगा"
nice lines :)
ek khoobsurat rachna kavita zi
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मैं , मेरा बचपन और मेरी माँ
कविता जी आपकी रूमानी ग़ज़ल पसंद आई.
ReplyDeleteनीरज
kavitaji aap ki kavitao ne man mugdha kar liya
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ग़ज़ल!
ReplyDeleteआज बहुत महीनों के बाद ब्लॉग पर आने का वक़्त मिला है.... आते ही डैशबोर्ड पर आपका ब्लॉग दिखा... मुझे पढ़ कर ऐसा लगा कि शायद ख़ूबसूरत लोग ख़ूबसूरत नगमें ही लिखते हैं... और यह तो है ही... कि ख़ूबसूरत इन्सान ही ख़ूबसूरत चीज़ लिख सकता है...
ReplyDeleteहर शेर बेमिसाल,खूबसूरत ग़ज़ल .
ReplyDeleteAap sabhi mitron ke sneh aur sarahna ke liye tahe-dil se shukriya..!!!!:)
ReplyDeleteले गया मुझको चुराकर मुझसे जो पूछे बगैर
ReplyDeleteदेख लेना एक दिन अपना पता दे जायेगा"
bahut sunder
vety interesting
ReplyDeletenice poem
ReplyDeleteअति सुंदर प्रस्तुति, क्या शब्द विन्यास है, क्या शैली है, आनंद आ गया
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत पोस्ट , बधाई.
ReplyDeletenamaskar !
ReplyDeletehar sher umdaa hai , sabhi rumaani tabiyat ke hai ; badhai .
saadar
अपना पता दे जाएगा ..............
ReplyDeleteछेड़ कर चुपके से मेरी .....................
बहुत खूबसूरत खयाल लिए हुए उम्दा शेर कविता जी, आप को बहुत बहुत बधाई|
baut sundar gajal
ReplyDeletehar sher umdha
lajabab......
abhar....