Monday, June 13, 2011

मेरी ख़ामोशी को लब,लब पर दुआ दे जायेगा.....


मेरी ख़ामोशी को लब,लब पर दुआ दे जायेगा
मुझको तन्हाई में हंसने की अदा दे जायेगा

ले गया मुझको चुराकर मुझसे जो पूछे बगैर
देख लेना एक दिन अपना पता दे जायेगा

छेड़कर चुपके-से इक दिन मेरी साँसों का सितार
वो दबी चिंगारियों को फिर हवा दे जायेगा

बंदिशें सब तोड़कर झूठी रिवाजों-रस्म
की
मेरे क़दमों को नया इक रास्ता दे जायेगा


देगा इक ताज़ा तरन्नुम जिंदगी की नज़्म को
मेरी
गज़लों को नया इक काफिया दे जायेगा

भूल
ना जाऊं कहीं भूले-से उसको इसलिए
मुझको अपनी चाहतों का वास्ता दे जायेगा

ए"किरण क्यों ना करे दिल उस
सनम का इंतज़ार
जो तबस्सुम लब को, दिल को हौसला दे जायेगा
**********
डॉ.कविता'किरण'




16 comments:

  1. बहुत ही भावमयी रचना दिल को छूने वाली।

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  2. "ले गया मुझको चुराकर मुझसे जो पूछे बगैर
    देख लेना एक दिन अपना पता दे जायेगा"
    nice lines :)

    ek khoobsurat rachna kavita zi

    _______________________________________________
    मैं , मेरा बचपन और मेरी माँ

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  3. कविता जी आपकी रूमानी ग़ज़ल पसंद आई.

    नीरज

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  4. mahendra tripathiTuesday, June 14, 2011

    kavitaji aap ki kavitao ne man mugdha kar liya

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  5. आज बहुत महीनों के बाद ब्लॉग पर आने का वक़्त मिला है.... आते ही डैशबोर्ड पर आपका ब्लॉग दिखा... मुझे पढ़ कर ऐसा लगा कि शायद ख़ूबसूरत लोग ख़ूबसूरत नगमें ही लिखते हैं... और यह तो है ही... कि ख़ूबसूरत इन्सान ही ख़ूबसूरत चीज़ लिख सकता है...

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  6. हर शेर बेमिसाल,खूबसूरत ग़ज़ल .

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  7. Aap sabhi mitron ke sneh aur sarahna ke liye tahe-dil se shukriya..!!!!:)

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  8. ले गया मुझको चुराकर मुझसे जो पूछे बगैर
    देख लेना एक दिन अपना पता दे जायेगा"
    bahut sunder

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  9. अति सुंदर प्रस्तुति, क्या शब्द विन्यास है, क्या शैली है, आनंद आ गया

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  10. बहुत खूबसूरत पोस्ट , बधाई.

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  11. namaskar !
    har sher umdaa hai , sabhi rumaani tabiyat ke hai ; badhai .
    saadar

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  12. अपना पता दे जाएगा ..............
    छेड़ कर चुपके से मेरी .....................
    बहुत खूबसूरत खयाल लिए हुए उम्दा शेर कविता जी, आप को बहुत बहुत बधाई|

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  13. baut sundar gajal
    har sher umdha
    lajabab......
    abhar....

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