धूप है, बरसात है, और हाथ में छाता नहीं
दिल मेरा इस हाल में भी अब तो घबराता नहीं
मुश्किलें जिसमें न हों वो जिंदगी क्या जिंदगी
राह हो आसां तो चलने का मज़ा आता नहीं
चाहनेवालों में शिद्दत की मुहब्बत थी मगर
जिस्म से रिश्ता रहा, था रूह से नाता नहीं
मांगते देखा है सबको आस्मां से कुछ न कुछ
दीन हैं सारे यहाँ, कोई भी तो दाता नहीं
पा लिया वो सब कतई जिसकी नहीं उम्मीद थी
दिल जो पाना चाहता है बस वही पाता नहीं
जिंदगी अपनी तरह कब कौन जी पाया 'किरण'
वक्त लिखता है वो नगमें दिल जिसे गाता नहीं
*********************************************************
डॉ कविता'किरण'
दिल मेरा इस हाल में भी अब तो घबराता नहीं
मुश्किलें जिसमें न हों वो जिंदगी क्या जिंदगी
राह हो आसां तो चलने का मज़ा आता नहीं
चाहनेवालों में शिद्दत की मुहब्बत थी मगर
जिस्म से रिश्ता रहा, था रूह से नाता नहीं
मांगते देखा है सबको आस्मां से कुछ न कुछ
दीन हैं सारे यहाँ, कोई भी तो दाता नहीं
पा लिया वो सब कतई जिसकी नहीं उम्मीद थी
दिल जो पाना चाहता है बस वही पाता नहीं
जिंदगी अपनी तरह कब कौन जी पाया 'किरण'
वक्त लिखता है वो नगमें दिल जिसे गाता नहीं
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डॉ कविता'किरण'
NICE GHAZAL
ReplyDelete____________KEEP IT UP
are wah kavita ? maine socha nahin tha ki tumse is tarah mulaqat ho sakti hai .bahut accha laga tumse yun mil kar aur tumhara blog dekh kar.ab to milte hi rahenge YAHAAN stage par chahe milen ya nahin .shubhkaamnaon ke saath
ReplyDeleteLATA
wah...sardiyan nazdeek hain...bhale hee mausam koi sa bhi ho...ap har mausam ko bakhubhi samajhti hain...aur barsat ka to kya kahne...mangte dekha hai sabko asman se kuch na kuch, deen hain sare yahan koi bhi to data nahi...wah wah wah...behtareen
ReplyDeleteजिंदगी अपनी तरह कौन जी पाया.....
ReplyDeleteवाह-वाह.....
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल कही है आपने किरण जी हर शेर मुकम्मल और बोलता हुआ है...इस शानदार ग़ज़ल के लिए ढेरों बधाईयाँ...
ReplyDeleteनीरज
बहुत ही शानदार रचना है. शब्द शब्द बहुत सलीके से सन्जोया है
ReplyDeleteऐसी ही और रचनाओ का इन्तज़ार रहेगा जी.
एक सलाह है कविता जी
ReplyDeleteशब्द वेरीफ़िकेशन हटा ले तो सभी को आसानी रहेगी टिप्पणी कर्ने मे
कविता जी ,
ReplyDeleteमुश्किलों , संघर्षों का दूसरा नाम ही जीवन है .
इतनी सारी किताबे पढने को कब मिलेगी
ReplyDeleteKhoobsoorat foto ke saath ek bahut hi khoobsoorat rachna..........
ReplyDeleteRegards......
achha lga padkar
ReplyDeletewakai dil ko sukun milta hai
ReplyDeleteवक़्त लिखता है वो नगमे...
ReplyDeleteभावपूर्ण रचना.
waqt likhta hai wo nagmen dil jise gata nahi ..complete line for the life u potray v nice poem by using v simple words gud gazal....waqt jo bhi likhta hai ..wo nagmen dil kabhi ga nahi sakta ....dil aur samay ka talmel agar ho jaye to sab kuch hassil ho jata hai ..jo nahi mila uske saath jeevan chalta hai jo mil gaya wo kabhi sayad dil mein tha hi nahi ...aapki gazal v uski saral bhasha v gazal ki lay prabhavit kerti hai ....
ReplyDeletedil ko chhu gayi aapki kavitayen....
ReplyDeleteRenu.
bahut achi he
ReplyDeleteshekhar kumawat
Apne mere DIL KI BAAT kahi.....Kiranji.....
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