ग़ज़ल
जिंदगी को जुबान दे देंगे
धडकनों की कमान दे देंगे
हम तो मालिक हैं अपनी मर्ज़ी के
जी में आया तो जान दे देंगे
रखते हैं वो असर दुआओं में
हौसले को उड़ान दे देंगे
जो है सहमी पड़ी समंदर में
उस लहर को उफान दे देंगे
जिनको ज़र्रा नही मयस्सर है
उनको पूरा जहान दे देंगे
करके मस्जिद में आरती-पूजा
मंदिरों से अजान दे देंगे
मौत आती 'किरण' है आ जाए
तेरे हक में बयान दे देंगे
***********************
डॉ.कविता'किरण'
हम तो मालिक हैं अपनी मर्ज़ी के
जी में आया तो जान दे देंगे
रखते हैं वो असर दुआओं में
हौसले को उड़ान दे देंगे
जो है सहमी पड़ी समंदर में
उस लहर को उफान दे देंगे
जिनको ज़र्रा नही मयस्सर है
उनको पूरा जहान दे देंगे
करके मस्जिद में आरती-पूजा
मंदिरों से अजान दे देंगे
मौत आती 'किरण' है आ जाए
तेरे हक में बयान दे देंगे
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डॉ.कविता'किरण'
अच्छी लगी रचना..
ReplyDelete"जिंदगी को जुबान दे देंगे, धडकनों की कमान दे देंगे !................ तेरे हक़ में बयान दे देंगे !" कविताजी ये जो गजल आपने पोस्ट की है वो बहुत ही सुंदर है ! आपने जिन संजीदा शब्दों का चयन इस गजल में किया है उसने इस गजल को एक उम्दा मुकाम पर लाकर खडा कर दिया है जो इसे अच्छी गजल की श्रेणी में ले आता है !
ReplyDeleteपढ़ कर अच्छा लगा ............
आपका ही
शिशिर पंडित
अति सुन्दर आज पहली बार आपके ब्लाग पर आया पर अब तो आपके हर गजल का बेसब्री से इन्त्जार रहेगा..
ReplyDeleteउम्दा गज़ल..वाह!!
ReplyDeleteकरके मस्जिद में आरती पूजा
ReplyDeleteमंदिरों से अजान दे देंगे
सुभान अल्लाह...कविता जी...बेहतरीन शेर है...काश ये सपना सच हो जाये..
नीरज
bahut achchi lagi yeh ghazal ........ ek ek sher bahut hi oomda hain...
ReplyDeletebehtareen abhivyakti ke saath bahut hi khoobsoorat ghazal.....
बेहतरीन रचना.... साधुवाद स्वीकारें
ReplyDeletebahut badhiya..... jaisa ki neeraj ji ne kaha, kaash ye sach ho jaaye...
ReplyDelete'kar ke masjid mein aarti pooja,
mandiron se azaan de denge'
हमेशा की तरह बेहद सन्तुलित सहज प्रवाह लिये मन को छू लेने बाली रचना.
ReplyDeleteyeah ,
ReplyDeletewe are the owner of our life and life is always played with safe and confidant style
Kavita ji,
ReplyDeletebahut umda gazal hai apkee--
jinako jrraa naheen mayassar hai
unako poora jahan de denge------
kash yahee jajba har vyakti ke andar hota----?
HemantKumar
kavita
ReplyDeletemout aati hai aa jaye/hum tere haq mein bayan de denge....wah ...bahut hi achii pankti....wah karan wah...
बेमिसाल और बेमिसाल !!
ReplyDeleteआपने बड़े ख़ूबसूरत ख़यालों से सजा कर एक निहायत उम्दा ग़ज़ल लिखी है।
ReplyDeleteहर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeleteसंजय कुमार
हरियाणा
http://sanjaybhaskar.blogspot.com