Thursday, November 12, 2009

जिंदगी को जुबान दे देंगे

कवयत्री डॉ कविता 'किरण 'उज्जैन में प्रसिद्द 'टेपा सम्मान ' लेते हुए

ग़ज़ल

जिंदगी
को
जुबान दे देंगे
धडकनों की कमान दे देंगे

हम तो मालिक हैं अपनी मर्ज़ी के
जी में आया तो जान दे देंगे

रखते हैं वो असर दुआओं में
हौसले को उड़ान दे देंगे

जो है सहमी पड़ी समंदर में
उस लहर को उफान दे देंगे

जिनको ज़र्रा नही मयस्सर है
उनको पूरा जहान दे देंगे

करके मस्जिद में आरती-पूजा
मंदिरों से अजान दे देंगे

मौत आती 'किरण' है जाए
तेरे हक में बयान दे देंगे
***********************
डॉ.कविता'किरण'


15 comments:

  1. अच्छी लगी रचना..

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  2. "जिंदगी को जुबान दे देंगे, धडकनों की कमान दे देंगे !................ तेरे हक़ में बयान दे देंगे !" कविताजी ये जो गजल आपने पोस्ट की है वो बहुत ही सुंदर है ! आपने जिन संजीदा शब्दों का चयन इस गजल में किया है उसने इस गजल को एक उम्दा मुकाम पर लाकर खडा कर दिया है जो इसे अच्छी गजल की श्रेणी में ले आता है !
    पढ़ कर अच्छा लगा ............
    आपका ही
    शिशिर पंडित

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  3. अति सुन्दर आज पहली बार आपके ब्लाग पर आया पर अब तो आपके हर गजल का बेसब्री से इन्त्जार रहेगा..

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  4. उम्दा गज़ल..वाह!!

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  5. करके मस्जिद में आरती पूजा
    मंदिरों से अजान दे देंगे

    सुभान अल्लाह...कविता जी...बेहतरीन शेर है...काश ये सपना सच हो जाये..
    नीरज

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  6. bahut achchi lagi yeh ghazal ........ ek ek sher bahut hi oomda hain...

    behtareen abhivyakti ke saath bahut hi khoobsoorat ghazal.....

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  7. बेहतरीन रचना.... साधुवाद स्वीकारें

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  8. bahut badhiya..... jaisa ki neeraj ji ne kaha, kaash ye sach ho jaaye...

    'kar ke masjid mein aarti pooja,
    mandiron se azaan de denge'

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  9. हमेशा की तरह बेहद सन्तुलित सहज प्रवाह लिये मन को छू लेने बाली रचना.

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  10. yeah ,

    we are the owner of our life and life is always played with safe and confidant style

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  11. Kavita ji,
    bahut umda gazal hai apkee--

    jinako jrraa naheen mayassar hai
    unako poora jahan de denge------
    kash yahee jajba har vyakti ke andar hota----?
    HemantKumar

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  12. kavita
    mout aati hai aa jaye/hum tere haq mein bayan de denge....wah ...bahut hi achii pankti....wah karan wah...

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  13. बेमिसाल और बेमिसाल !!

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  14. आपने बड़े ख़ूबसूरत ख़यालों से सजा कर एक निहायत उम्दा ग़ज़ल लिखी है।

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  15. हर शब्‍द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्‍तुति ।
    संजय कुमार
    हरियाणा
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

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