गैर को ही पर सुनाये तो सही
शेर मेरे गुनगुनाये तो सही
जी नहीं हमसे रकीबों से सही
आपने रिश्ते निभाए तो सही
है मिली किस बात की हमको सज़ा
ये कोई हमको बताये तो सही
आँख बेशक हो गई नम फ़िर भी हम
जख्म खाकर मुस्कुराये तो सही
याद आए हर घड़ी अल्लाह हमें
इस कदर कोई सताए तो सही
इन अंधेरों में फ़ना होकर "किरण"
हम किसीके काम आए तो सही
************************
डॉ कविता"किरण"
शेर मेरे गुनगुनाये तो सही
जी नहीं हमसे रकीबों से सही
आपने रिश्ते निभाए तो सही
है मिली किस बात की हमको सज़ा
ये कोई हमको बताये तो सही
आँख बेशक हो गई नम फ़िर भी हम
जख्म खाकर मुस्कुराये तो सही
याद आए हर घड़ी अल्लाह हमें
इस कदर कोई सताए तो सही
इन अंधेरों में फ़ना होकर "किरण"
हम किसीके काम आए तो सही
************************
डॉ कविता"किरण"
औरो के काम आने की तमन्ना
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गज़ल
भाव सुन्दर
bahut hi bhavbhini rachna.....har sher lajawaab.
ReplyDeleteसुंदर फोटो के साथ..... बहुत सुंदर कविता.......
ReplyDeletebahut badhiya ghazal :)
ReplyDeletegood gazal.
ReplyDeleteसुंदर भाव लिए .........एक बेहतरीन ग़ज़ल .........
ReplyDeleteकिन खताओं की मिली हमको सज़ा
ReplyDeleteये कोई हमको बताये तो सही
Bahut sahi farmaya aapne.
http://sahityasrajan.blogspot.com
याद आए हर घड़ी अल्लाह मगर
ReplyDeleteइस कदर कोई सताए तो सही
kya baat hai? laajawaab!
yahi to dard hai........apni khataon ka pata hi nahi. naraz rahte hain log, vajah koi batata hi nahi.........
ReplyDeletewaah! sabhi sher badhiya hain.
ReplyDeletekhubsurat gazal !
दिल को छूती हर एक शेर गुनगुनाने योग्य.
ReplyDeleteगैर को ही, पर सुनाये तो सही
ReplyDeleteशेर मेरे गुनगुनाये तो सही
न सही हमसे, रकीबों से सही
आपने रिश्ते निभाए तो सही
किन खताओं की मिली हमको सज़ा
ये कोई हमको बताये तो सही
आँख अपनी नम हुई तो क्या हुआ
जख्म खाकर मुस्कुराये तो सही
याद आए हर घड़ी अल्लाह मगर
इस कदर कोई सताए तो सही
जिंदगी चाहे न हो, वो मौत हो
हम किसीके काम आए तो सही
yeh jo aapne lines likhi hei bahut hi beautiful hei inko padhkar yahi lagta hei ki mei kafhi samay se jin panktiyo ki talaash mei tha wo aaj muzhe mil gayi . Inko padhkar laga aapne inhe dil ki gahraayio mei Doobkar apane mann mei chipe bhao ko kagaj per sabdo mei badalkar utaraa hei in ati sundar lines evam aapke beautiful photo dono ke liye sadhuwaad. aap isi tarah likhte rahe yahi kaamna ke saath......
Aapka hi
Shishir Pandit
बेहतरीन ग़ज़ल...हर शेर कमाल का है...दिली दाद कबूल करें...
ReplyDeleteनीरज
बेहतरीन ग़ज़ल!!!
ReplyDeleteshukria kavita,
ReplyDeletebahut dinon baad tumhare blog par aayi aur gazal padhkar bahut accha laga.tumhare haq mein tamam duaon ke saath........lata
उम्दा गज़ल
ReplyDeleteयाद आए हर घड़ी अल्लाह हमें
ReplyDeleteइस कदर कोई सताए तो सही
जिंदगी के तो नहीं पर मौत के
हम किसीके काम आए तो सही
really nice
ReplyDeletewid a deep sense
डा. साहिबा,
ReplyDeleteशेर यहां दोहराने की ज़रूरत नहीं
पूरी ग़ज़ल इल्म-ओ-फन के ऐतबार से मुकम्मल है.
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद
nice
ReplyDelete"याद आए हर घड़ी अल्लाह हमें
ReplyDeleteइस कदर कोई सताए तो सही"
अंतर्मन के कपाटों पर दस्तक देती ग़ज़ल.
manniya kavitaji
ReplyDeletehan nahin humse rakibon se sahi
aapne riste nibhaye to sahi
kya behatrin khayal hain adab ke dayre mein
shikva shikayat ka andaj kabile tarif hai badhai
jagdish tapish
shukriya jagdishji
ReplyDeleteजितना खूबसूरत रचनाओं का आंतरिक सौंदर्य है उतनी ही बेमिसाल बुनगट और प्रस्तुति है ! इन रचनाओं से बार-बार साक्षात होने का दिल करता है ! लाजवाब !
ReplyDeleteरवि पुरोहित
LaJawaB ................ GAZAL
ReplyDeleteआपकी रचना की क्या तारीफ करूँ तारीफ की तो सूरज को रौशनी दिखाने समान होगा ... बधाई हो
ReplyDeleteआप हमारे गरीबखाने भी तशरीफ़ लायें हमे बहुत ख़ुशी होगी
गुलाम नबी
आज़ाद न्यूज़
www.gulamnabi86.blogspot.com
शाम ढलती रही , और सूरज डूब गया सागर में |
ReplyDeleteबस तेरी याद ही रही , जो ली मुझे मयखाने में ||
shekhar kumawat
kavyawani.blogspot.com/