watch me on DD1 (national channal) at 7।15 pm to 8pm on 26 may (wednesday)
in programme "Chalo chakradhar chaman mein" n the topic is "Vradhhashram"
जिसका पुनः प्रसारण डी डी भारती पर शुक्रवार शाम ७.३० और रविवार रात १०.३० पर देखें और कृपया अपनी राय भी दें। धन्यवाद.
हम तो जमकर देखेगे जी
ReplyDeletebadhayi ho ji
ReplyDeleteyaha to aati nahi .......but dekhna chahte hain
DD national par kal chesta ki lekin wanha program dusra hi aa raha tha. DD (1) national channal sayad hamare yanha nahi aata. ab aap bataye ye kavita mai kan ha padh sakta hun.
ReplyDeletekal ravivar 30 may raat 10.30 per aap DD bharti per ise dubara dekh sakte hain.
ReplyDeleteदीदी आज अचानक आपके बारे में ख्याल आया और मैंने आपका नाम गूगल में सर्च कर दिया.
ReplyDeleteआपका ब्लॉग दिखा ये हमारी खुशनसीबी हैं की आपसे संपर्क कर सके हैं
आपकी एक कविता मुझे बहुत अच्छी लगी जो इसमें देखने को नहीं मिली.
जो थी
जिन पर कोई पाबन्दी न कोई पहरा होता है. आँखों से आँखों का रिश्ता कितना गहरा होता हैं
आपकी ये कविता हमें रानी में हुए कवी सम्मलेन में सुनने को मिली थी,.
आपकी और युगराज जी की जुगलबंदी भी अच्छी लगी थी,.
दिल जिसे दिया वो दिल्ली चली गई,.
दिल्ली गए तो इटली चली गई,
जान देने के लिए तार को छुआ,
तो कमबख्त बिजली चली गई,.
दिल किसी एक को दो. वो भी किसी नेक को दो
श्री सत्यनारायण का प्रसाद नहीं है की हर एक को दो.
दिल किसी एक को ही दिया है,
वो भी नेक को ही दिया है,
भगवन का शुक्र हैं की
आप जेसे क्रैक को नहीं दिया है,
वैसे हम भी कभी कभी कविता करते है,.
एक उदाहरण
खून से लिखे थे ख़त वो दिल की फरियाद के,
तड़पता था दिल वो मेरा तेरी ही याद मैं.
वस्ल मैं रही तमन्ना तेरे ही दीदार की ,
जब किया दीदार तो वो घडी थी बहार की,
वो बहार भी है मिल गई, वो बयार भी हैं रूक गई,
इन आंधियों से की हैं " नारद" उम्मीद क्यों तुने प्यार की.
काँटों से उलझ कर घाव ही मिल पता हैं,
बेवजह ही शिराओ का लहू छलक जाता हैं
कहते हैं लोग इश्क जिंदगानी हैं
माना हैं हमने बस यही एक बेगानी है
बस यही एक बेगानी है ... जिंदगी के लिए लिखा गया हैं/
THAROON JOSHEE
(President & CMD)
DA MODEL HUNTER
http://www.damodelhunter.com/2010/02/tharoon-joshee.html
अति सुन्दर ।
ReplyDeleteBhoot khoov ..
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