Wednesday, September 29, 2010

कब तलक काबा ओ काशी जायेगा.....


कब तलक काबा काशी जायेगा
क्या कभी खुद की तरफ भी जायेगा?

हमसफ़र होगी फ़क़त नेकी_बदी
साथ में पंडित
ना काजी जायेगा

एक हद तक इम्तिहाँ देने के बाद
सब्र का प्याला छलक ही जायेगा

क्यों मसीहा की लगाये हो उम्मीद
है कोई ज़ख्म जो सी जायेगा

गम कर दम तोड़ते मेरे जिगर
दर्द के छूते ही तू जी जायेगा

इन् हरे पेड़ों से अमृत छीनकर
सोचते हो वो ज़हर पी जायेगा?
***********
डॉ कविता'किरण'



15 comments:

  1. बेहतरीन ग़ज़ल| मकता कमाल का है .......दिल से मुबारकबाद|

    ReplyDelete
  2. आदरणीय डॉ कविता'किरण' जी
    नमस्कार !

    कमाल की लेखनी है आपकी लेखनी को नमन बधाई

    ReplyDelete
  3. आज तो किसी एक शेर की बात नही कह सकती सभी अशार कमाल के हैं। बधाई आपको।

    ReplyDelete
  4. Sanjay ji, Nirmalaji bahut bahut shukriya aapka.aapka aana achha laga.thnx.

    ReplyDelete
  5. कविता दीदी क्या खूब लिखा है
    गज़ब की लेखनी है.....
    बहुत-बहुत बधाई
    "वाणी" गौरव गोलछा

    ReplyDelete
  6. bahut sundaer rachna KAB TALAK KAABA AUR KAASHI JAYEGA

    ReplyDelete
  7. Complements for the the beautiful poetry...

    ReplyDelete
  8. behtreen rachna ...........badhai

    ReplyDelete
  9. एक हद तक इम्तिहाँ देने के बाद
    सब्र का प्याला छलक ही जायेगा
    in panktiyon ke saath kavita mem , saadar pranam !
    khoob surat .
    badhai

    ReplyDelete
  10. वन्दे मातरम दोस्त,
    आप फेसबुक पर मेरी मित्र हैं मगर बद किस्मती से कभी मैं आपकी वाल तक पहुंच ही नही पाया था..... ऑरकुट के माध्यम से मुझे आपकी कुछ कविताये पड़ने का सौभग्य प्राप्त हुआ........

    हमसफ़र होगी फ़क़त नेकी_बदी
    साथ में पंडित ना काजी जायेगा

    सागर भरकर भी ना प्यासी रह जाऊं
    गागर के भीतर कोई डर-सा होगा,
    बहुत ही खूबसूरत

    ReplyDelete
  11. shukriya rakeshji. aapka aur sabhi mitron ka yahan aana bahut achha laga. aage bhi aap sabka swagat hai.

    ReplyDelete
  12. बहुत ही खुबसूरत...
    कहीं खो सा गया मैं....
    आपकी कलम का जादू ही है यह....
    मेरे ब्लॉग मेरी रचना स्त्री...

    ReplyDelete
  13. आनन्दित कर दिया, जज्बातों और प्रेम तासीर का शब्दों में बेहतरीन बयानी।

    ReplyDelete
  14. बढ़िया ग़ज़ल है. good.

    कुँवर कुसुमेश
    समय हो तो मेरा ब्लॉग:kunwarkusumesh.blogspot.com कृपया देखें .

    ReplyDelete