**** इस ब्लॉग पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का मकसद फ़क़त एक कोशिश है ख़ुद को ख़ुद से बाहर लाने की। बहुत कुछ अनकहा कह देने की। अपने खास लम्हों की कहन को आम कर देने की। इस ब्लॉग के जरिये मैं ख़ुद को समेटकर अपनी अनुभूतियों के विस्तृत आकाश को दुनिया के सामने फैला रही हूँ और दावत देती हूँ सभी काव्यप्रेमियों को अपने इस सृजन के आकाश में उडान भरने के लिए। दरअसल जिंदगी के कैनवास पर वक्त की तूलिका ने जब, जिन रंगों से, जो चित्र उकेरे, यह ब्लॉग उसी की एक चित्रावली है. एक शब्दावली, जो आपके कानों तक पहुंचना चाहती है। एक द्रश्यावली जो आपकी नज़र को छू के गुजरना चाहती है, आपके सामने है।
सफर में हूँ । मंजिल तक पहुंचना चाहती हूँ। कब पहुँचती हूँ ! देखते हैं*******
कविताजी,
ReplyDeleteआपका ब्लॉग आपही की भान्ति बहुत सुन्दर..........सौम्य और निर्दोष है .......देख कर अच्छा लगा......बाँच कर और भी अच्छा लगा .......ये भी अच्छा लगा कि मंच के आगे का सफ़र तय करने की आपकी तैयारी है ....
आप गीत, ग़ज़ल और अन्य विधाओं में जितनी प्रवीण हैं उतनी ही सजगता व समर्पण के साथ यदि ब्लॉग पर समय और श्रम दोगी तो मुझे विश्वास है बहुत आगे तक की यात्रा का आनन्द पा सकोगी............
बस.........एक बात जो मंच पर लागू होती है,वह यहाँ भी लागू होती है " लिखते रहो और दिखते रहो "
आपके लिए लाख लाख हार्दिक शुभ कामनायें व अग्रिम बधाइयां !
-अलबेला खत्री
aapka swaagat hai.....
ReplyDeleteShri. Albela ji ....sahi kah rahe hain.......
आपका ब्लॉग बहुत ही अच्छा लगा मेरा आपके ब्लॉग पर कुछ लिखना वैसे ही हे जैसे चिराग को रोशनी दिखाना जिस तरह से आपकी सुन्दरता है उसी तरह आपकी कविताये भी है बहुत कम लोग होगे जो कविता पढने के साथ ही उसे उसी तरह लिखने की भी हिम्मत रखते हो !
ReplyDeleteआपके इस अभिनव प्रयास से हमें अच्छी कविताये पढने का अवसर मिला इसलिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद् एवं आपके उज्जवल भविष्य की हार्दिक शुभकामनाये ! आप और हम दोनों दुआ करे परम पिता ईश्वर से की आपकी ओंर हमारी दोस्ती ऐसे ही बनी रहे आप लिखते रहे एवम हम ऐसे ही पढ़ते रहे आपके ब्लॉग में आपके कविसम्मेलनों की क्लिप्पिंग्स भी सम्मिलित करे तो वो भी अच्छा लगेगा !
पुनः हार्दिक शुभकामनाओ के साथ
आपका अपना
शिशिर पंडित
आप दिल की बात दिल से कह्ते रहे
ReplyDeleteजमाना ऐसे ही शौक से सुनता रहेगा
bahut achcha prayaas hai aapkaa. dil kee atal gahraaiyon kee aavaaj ko sarvjanik shabd denaa koi hansee khel nahi hai. yakeenan aapne jajbaaton kee chunautiyon ko sveekaar kiyaa hai. aapkee ibaarat akshar akshar jindgee bane, yhee shubhkamnaa.
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